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टीम अन्‍ना ने किया ‘हल्‍ला बोल’ का ऐलान, पीएम बोले- संसद में होगा फैसला


अन्‍ना हजारे का अनशन आज सातवें दिन में प्रवेश कर गया लेकिन सरकार की ओर से बातचीत के लिए अभी तक कोई खास पहल होती नहीं दिख रही है। पीएम ने भी आज साफ कर दिया कि लोग भ्रष्‍टाचार से लड़ने के लिए सक्षम लोकपाल बिल संसद की स्‍थायी समिति में है और वहीं इस बिल पर चर्चा हो सकती है। स्‍टैंडिंग कमेटी के पास लोकपाल बिल में बदलाव का अधिकार है। उन्‍होंने कहा, ‘सरकार लोकपाल‍ बिल पर तर्कसंगत चर्चा के लिए तैयार है। लोग लोकपाल बिल पर अपनी आवाज़ सांसदों के जरिए स्टैंडिंग कमिटी तक पहुंचाएं।’
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि भ्रष्‍टाचार का हल एक कानून से नहीं हो सकता है। पीएम ने कहा कि सरकार भ्रष्‍टाचार से निपटने के लिए सभी उपाय कर रही है। हालांकि उन्‍होंने एक बार फिर कहा कि सरकार के पास भ्रष्‍टाचार खत्‍म के लिए कोई जादू की छड़ी नहीं है। पीएम ने कहा कि यह बात गलत है कि उदारीकरण के चलते भ्रष्‍टाचार बढ़ने की बात गलत है। उन्‍होंने माना कि देश में खरीद की प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है।
पीएम ने बड़े सरकारी ठेकों में भ्रष्‍टाचार की बात कबूल करते हुए कहा कि न्‍यायिक प्रक्रिया में सुधार और तेजी की जरूरत है। प्रधानमंत्री आईआईएम कोलकाता के गोल्‍डन जुबली समारोह में बोल रहे थे। पीएम ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों को मिलने वाले फंड की प्रक्रिया भी ज़्यादा पारदर्शी बनाए जाने की जरूरत है।
टीम अन्‍ना की सदस्‍य किरण बेदी ने देश के नागरिकों से सरकार के खिलाफ ‘हल्‍लाबोल’ का आह्वान किया है। बेदी ने ट्विटर के जरिये जारी संदेश में कहा है, ‘अन्‍ना ने जनलोकपाल बिल के लिए 30 अगस्‍त की समयसीमा तय की है। यदि सरकार चाहे तो ऐसा करना संभव है नहीं तो देश उन्‍हें ऐसा करने पर मजबूर कर देगा जो सही है।’  इससे पहले अन्‍ना हजारे और उनकी टीम के सहयोगी अरविंद केजरीवाल ने लोगों से अपने सांसदों, मंत्रियों के घरों के बाहर शांतिपूर्ण तरीके से अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करते हुए जनलोकपाल बिल पर उनकी राय मांगने को कहा है। लोगों से अपने जनप्रतिनिधियों को यह भी चेतावनी देने को कहा गया है कि यदि वो जनलोकपाल बिल का समर्थन नहीं करेंगे तो उन्‍हें अगले चुनाव में वोट नहीं दिया जाएगा।
जनलोकपाल बिल की मांग को लेकर बीते 16 अगस्त से अनशन कर रहे हजारे का कहना है कि जब तक सरकार इस बिल को पारित नहीं करती है तब तक वह रामलीला मैदान नहीं छोड़ेंगे। हजारे ने लोगों से अपील की है कि वे अपने अपने इलाकों के जनप्रतिनिधियों के घरों के बाहर शांतिपूर्ण ढंग से अनिश्चितकालीन धरना शुरू करें। लोग अपने जनप्रतिनिधियों को यह चेतावनी भी दें कि यदि उन्होंने जनलोकपाल बिल का समर्थन नहीं किया तो वे अगली बार चुनाव में उन्हें वोट नहीं देंगे।
मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी आन्दोलन को पूरा समर्थन देता हूँ 
आपकी बात
क्‍या पीएम के इस बयान से अन्‍ना हजारे का अनशन खत्‍म कराने की दिशा में सरकार की कोई पहल नजर आती है? अन्‍ना के आंदोलन पर अपनी राय नीचे कमेंट बॉक्‍स में लिखें।

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