अन्ना आज भी नहीं तोड़ेंगे अनशन! टीम अन्ना की राय
नई दिल्ली. मजबूत लोकपाल बिल की मांग पर अड़े अन्ना हजारे आज ११ वें दिन भी अपना अनशन नहीं तोड़ेंगे। अन्ना १६ अगस्त से अनशन पर हैं। अन्ना ने साफ किया है कि सरकार उन्हें इस बात का लिखित आश्वासन दे कि जन लोकपाल बिल पर सदन में चर्चा होगी और चर्चा में उनकी तीन मांगों पर विचार हो। अगर ऐसा होता है तो वह अपने अनशन तोड़ने के बारे में सोचेंगे। यानी अगर सरकार ऐसा करती भी है तो भी उनका अनशन टूटेगा, यह तय नहीं है। शुक्रवार की सुबह १० बजे तक लोकसभा के किसी सदस्य ने जन लोकपाल बिल पर चर्चा के लिए नोटिस नहीं दिया है। संसदीय व्यवस्था के तहत आज नियम १८४ के तहत जन लोकपाल के प्रावधानों पर चर्चा की बहुत कम संभावना है। संसदीय कार्य मंत्री पवन बंसल ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि इस बात की बहुत कम संभावना है कि जन लोकपाल के प्रावधानों पर आज चर्चा के लिए समय बहुत कम है। ऐसे में मामला लटकता नज़र आ रहा है।
उधर, अन्ना का स्वास्थ्य लगातार गिरता जा रहा है। डॉक्टरों ने अन्ना हजारे का शुक्रवार सुबह मेडिकल चेकअप किया। डॉक्टरों के मुताबिक, अन्ना का वजन 7 किलो कम हो चुका है। डॉक्टरों के मुताबिक अन्ना स्वस्थ हैं और उनकी हालत स्थिर बनी हुई है। डॉक्टरों ने आज फिर उनका ब्लड सैंपल लिया है और जांच के लिए भेज दिया है। इसकी रिपोर्ट शाम तक आएगी।
अन्ना के अनशन को लेकर टीम अन्ना में भी अलग-अलग राय उभर रही है। अन्ना के समर्थक और सहयोगी जस्टिस संतोष हेगड़े ने कहा है कि वह चाहते हैं कि अन्ना अपना अनशन तोड़ दें। संतोष हेगड़े ने गुरुवार को अन्ना हजारे से अनशन तोड़ने की अपील करते हुए कहा, 'देश अन्ना हजारे की क्षति बर्दाश्त नहीं कर सकता है। वह हमारे नेता हैं। उन्होंने पूरे देश को भ्रष्टाचार के खिलाफ एकजुट किया है।' जबकि किरण बेदी ने ट्विटर पर कहा है कि जब तक अन्ना की तीन मांगों पर प्रस्ताव पारित नहीं हो जाता है, वह अपना अनशन नहीं तोड़ेंगे। जाहिर है, अन्ना के समर्थकों के बीच भी इस मुद्दे पर एक राय नहीं लगती है।
26 अगस्त 2011
अन्ना हजारे का अनशन खत्म हो सकता है आजअन्ना हजारे का अनशन आज खत्म हो सकता है। कल दिन भर की बातचीत के बाद सरकार और अन्ना हजारे के बीच सुलह का एक फॉर्मूला निकल आया है।
सरकार और अन्ना की टीम के बीच हुए सुलह के मुताबिक आज संसद में सरकार जनलोकपाल बिल के साथ दूसरे बिलों पर भी चर्चा कराएगी। जनलोकपाल बिल पर कोई वोटिंग नहीं होगी लेकिन एक कड़े लोकपाल बिल का एक प्रस्ताव पास किया जाएगा। किरण बेदी ने कहा कि प्रस्ताव पास होने के बाद ही अन्ना अपना अनशन तोडेंगे।
अन्ना हजारे की शर्तें सामने आने के बाद ही अनशन खत्म होने पर सरकार और अन्ना की टीम के बीच बात बनी है। अन्ना हजारे ने अपनी शर्त में कहा थी कि संसद में जनलोकपाल बिल के तीन विवादित मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए।
वहीं बीजेपी पूरी तरह से अन्ना हजारे के साथ नजर आ रही है। अन्ना की टीम ने बीजेपी नेताओं के साथ देर रात लालकृष्ण आडवाणी के घर बैठक की।
बीजेपी ने कहा कि भ्रष्टाचार के खात्मे के लिए वो संसद के अंदर और बाहर अन्ना हजारे के साथ है। बीजेपी ने ये भी कहा कि सरकार अगर चाहे तो अन्ना हजारे के मुद्दों पर गतिरोध खत्म करना कोई मुश्किल काम नहीं है।
वहीं सिविल सोसाइटी के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बीजेपी मोटे तौर पर जनलोकपाल बिल से सहमत है और अब वो इस मामले पर सरकार के जवाब का इंतजार कर रहे हैं।
प्राप्त खबरों के अनुसार लोकपाल को लेकर चर्चा का प्रस्ताव सरकार सदन में लेकर आएगी, लेकिन उससे पहले सरकार सभी विपक्षी दलों के साथ मसौदे की भाषा पर एक राय बनाने का प्रयास करेगी। इसके साथ ही सरकार टीम अन्ना से चर्चा से पहले ही अनशन खत्म करने संबंधी भरोसा चाहती है।
उल्लेखनीय है कि गांधीवादी नेता अन्ना हजारे ने गुरुवार को संसद द्वारा अनशन खत्म करने की अपील को भी खारिज करते हुए सरकार के सामने तीन मांगें रखी थी। जिसमें पहली मांग थी, जनलोकपाल पर संसद में शुक्रवार से ही चर्चा शुरू हो, दूसरा सभी श्रेणियों के अधिकारी इसमें शामिल हों और तीसरा हर विभाग सिटीजन चार्टर लेकर आए।
जिसमें इसका ब्यौरा होगा कि कौन सा काम कौन सा अधिकारी करेगा और कितने समय में करेगा। अगर ऐसा नहीं हो पाता है तो जिम्मेवार अधिकारी के वेतन से जुर्माने के तौर पर कटौती होगी।
उल्लेखनीय है कि गांधीवादी नेता अन्ना हजारे ने गुरुवार को संसद द्वारा अनशन खत्म करने की अपील को भी खारिज करते हुए सरकार के सामने तीन मांगें रखी थी। जिसमें पहली मांग थी, जनलोकपाल पर संसद में शुक्रवार से ही चर्चा शुरू हो, दूसरा सभी श्रेणियों के अधिकारी इसमें शामिल हों और तीसरा हर विभाग सिटीजन चार्टर लेकर आए।
जिसमें इसका ब्यौरा होगा कि कौन सा काम कौन सा अधिकारी करेगा और कितने समय में करेगा। अगर ऐसा नहीं हो पाता है तो जिम्मेवार अधिकारी के वेतन से जुर्माने के तौर पर कटौती होगी।
संसदीय कार्यमंत्री पवन बंसल ने कहा है कि संसद में लोकपाल पर चर्चा को लेकर अभी असमंजस की स्थिति है और इस बाबत कोई नोटिस नहीं जारी किया गया है। आज चर्चा होगी या नहीं होगी यह फिलहाल तय नहीं है। इससे पहले, ऐसी संभावना थी कि अन्ना हजारे के अनशन से बैकफुट पर आई यूपीए सरकार आज जनलोकपाल समेत लोकपाल बिल के तीन अलग−अलग ड्राफ्ट पर संसद में चर्चा कराने जा रही है। साथ ही, वह उन तीन मुद्दों पर भी चर्चा कराने को तैयार हो गई है, जिन्हें लेकर टीम अन्ना और सरकार के बीच बात अटकी हुई है।
माना जा रहा था कि सरकार नियम-184 के तहत यह चर्चा करा सकती है, जिसमें वोटिंग की भी व्यवस्था है। लोकपाल के जिन तीन ड्राफ्ट पर चर्चा होने की बात है, वह जनलोकपाल, अरुणा रॉय और लोकसत्ता के जयप्रकाश नारायण के मसौदे हैं।
दूसरी ओर अन्ना ने संकेत दिए हैं कि अगर सरकार तीन मुद्दों पर चर्चा के बाद प्रस्ताव पास करा देती है, तो वह आज अपना अनशन तोड़ सकते हैं। हालांकि सरकार ने तीन मुद्दों के समर्थन में प्रस्ताव पास करने का कोई भरोसा नहीं दिया है।
जनलोकपाल बिल और दूसरे लोकपाल बिल पर संसद में कैसे बहस हो इसके लिए नॉर्थ ब्लॉक में गुरुवार रात एक बैठक हुई। बैठक में प्रणब मुखर्जी, सलमान खुर्शीद, पवन बंसल और विलासराव देशमुख शामिल हुए। बैठक के बाद सलमान खुर्शीद ने कहा कि संसद में प्रधानमंत्री के बयान के मुताबिक जनलोकपाल और दूसरे लोकपाल पर बहस होगी। एनडीटीवी से खास बातचीत में खुर्शीद ने कहा कि फोकस जनलोकपाल पर ही रहेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि अन्ना आज अपना अनशन तोड़ देंगे।